Jai Hind

Desh hamari zindagi, Desh hamari jaan hai,
Desh pe jina, Desh pe marna, Sau janmo ke saman hai...

Tuesday, November 20, 2012

                      सैनिक वही जो

उमड़ रहा शैलाब हृदय में,
धधक रहा है ज्वाल नयन में
भारत माँ की रक्षा करने
कूद पड़े हम वीर अगन में |

सालों स्वर्णिम स्वप्न संजोए,
प्रतिपल दिवा स्वप्न में खोए
भारत माँ की सेवा करके
हम बच्चे माँ की गोद में सोए|


स्वप्न नही पूरे होते वो,
रात स्वप्न में जो आए
पूरी होती अटल कामना
जो निद्रा को रात जगाए |

नर प्रचंड बलवंत वही जो,
बाधा को फूँक उड़ा दे
कठिनाई के तोप के मुख में
अपना मुण्ड भिड़ा दे |

भय भयंकर भश्म बने,
इच्च्छा- शक्ति के ज्वाल से
क्या मज़ाल उस काल की
जो भिड़े हमारे भाल से |

किस्मत के पर्वत को फोड़,
भविष्य की राह बना दे
सैनिक वही जो मृत्यु संग
दुश्मन का व्याह रचा दे ||

जय हिंद , जय भारत ||                             उज्ज्वल कुमार ......

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