Jai Hind

Desh hamari zindagi, Desh hamari jaan hai,
Desh pe jina, Desh pe marna, Sau janmo ke saman hai...

Friday, September 21, 2012

हुंकार सुनोगे वीरों की
जो प्राण दान कर गये देश पर,
दहाड़ सुनोगे उन सिंहों की
अमर हो गये हैं जो मर कर ||

अनूभव होगी अमर संस्कृति
और सभ्यता का कलरव,
पुकार सुनोगे धरती माँ की
जगा रही हमको रो रोकर|

...
बलिदानी प्राणों की आभा
अपने प्राण जगाकर देखो,
एक बार इस धरती के
सीने में कान लगा कर देखो||

नव चेतना फुट पड़ेगी
निल्यलिन्द के रक्त प्रवाह में
चमकेगी स्वर्णिम चिंगारी
हरेक प्राण के श्वास में|
बलिदानी पावन रकतों से
गरम तिलक लगा कर देखो,
एक बार इस मिट्टी को तुम
अपने भाल पर माल कर देखो ||

धधक उठेगा हृदयानल
देशप्रेम के ज्वाल से,
मिट जाए हर द्वेष-क्लेश
और भेदभाव हर ख्याल से|
एक हो जब भारत उठे
दुश्मन डरे भूचाल से,
व्यर्थ हो सारे शस्त्र शत्रु के
देशप्रेम की ढाल से|
धर्म जाति का काला चश्मा
अपने मन से हटाकर देखो,
एक बार तुम भारत भू को
दिल से माँ बुलाकर देखो|||

उज्ज्वल कुमार ....
जय हिंद, जय भारत ||