सैनिक वही जो
उमड़ रहा शैलाब हृदय में,
धधक रहा है ज्वाल नयन में
भारत माँ की रक्षा करने
कूद पड़े हम वीर अगन में |
सालों स्वर्णिम स्वप्न संजोए,
प्रतिपल दिवा स्वप्न में खोए
भारत माँ की सेवा करके
हम बच्चे माँ की गोद में सोए|
सालों स्वर्णिम स्वप्न संजोए,
प्रतिपल दिवा स्वप्न में खोए
भारत माँ की सेवा करके
हम बच्चे माँ की गोद में सोए|
स्वप्न नही पूरे होते वो,
रात स्वप्न में जो आए
पूरी होती अटल कामना
जो निद्रा को रात जगाए |
नर प्रचंड बलवंत वही जो,
बाधा को फूँक उड़ा दे
कठिनाई के तोप के मुख में
अपना मुण्ड भिड़ा दे |
भय भयंकर भश्म बने,
इच्च्छा- शक्ति के ज्वाल से
क्या मज़ाल उस काल की
जो भिड़े हमारे भाल से |
किस्मत के पर्वत को फोड़,
भविष्य की राह बना दे
सैनिक वही जो मृत्यु संग
दुश्मन का व्याह रचा दे ||
जय हिंद , जय भारत || उज्ज्वल कुमार ......