अंजाने जीवन के रस्ते मे ,
गुमसुम सा अकेला मैं था,
चलता जा रहा|
खुशी की किरणों वाला सूरज,
उम्मीद की सुबह मे था
ढलता जा रहा |
खुद से शर्मिंदा ,
खुद से हारा,
आँसू भरी आँखों को था,
मलता जा रहा |
मंज़िल से बेख़बर,
खुद से अंज़ान,
ना जाने कहाँ मैं था,
चलता जा रहा |
हर मोड़ पर ठोकर खाया,
कभी बच गया तो रास्ते को ख़त्म पाया,
बदली मैने कितनी राहें ,
दबा के मन की आहें,
पर एक खुशी पाने को,
दिल से मुस्कुराने को,
ये मेरा दिल था,
मचलता जा रहा |
अंजाने जीवन के रस्ते मे ,
गुमसुम सा अकेला मैं था,
चलता जा रहा|
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